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Raipur। राजीव भवन याने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संगठन की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री बघेल इस कदर बिफरे कि, बैठक जो क़रीब दो घंटे चलनी थी, महज़ पौन घंटे में समाप्त हो गई। इस पौन घंटे में भी सीएम बघेल के बरसते गरजते तेवर की गूंज क़रीब दस मिनट तक रही। सीएम बघेल विभिन्न मसलों का ज़िक्र करते हुए यह तक कह गए कि, अगर इसी तरह बैठक करनी है तो अगली बार से वे बैठक में नहीं आएँगे।
करीब दस मिनट तक गरजते रहे सीएम बघेल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और उनके विश्वस्त अमरजीत चावला पर बैठक में सीएम बघेल की भृकुटि तनी थी। सीएम बघेल ने बैठक शुरु होने के कुछ देर बाद एक के बाद एक सवाल शुरु किए। सीएम बघेल ने पूछा
“समन्वय समिति प्रदेश कांग्रेस संगठन में सबसे सर्वोच्च है,उसकी बैठक में कमेटियाँ बनाना तय किया गया था, इसके लिए नाम तय हुए थे, वो नाम औपचारिक अनुमोदन के लिए एआईसीसी को भेजे जाने थे, वो अनुमोदन नहीं आया, क्योंकि भेजे ही नहीं गए, क्यों हुआ ऐसा ?”
मुख्यमंत्री बघेल ने अगला सवाल दागा
“बीआरसी की सूची जारी नहीं की गई है, यह वो सूची है जो एआईसीसी से अनुमोदित होकर आ गई है, क्यों नहीं जारी की गई है, लोगों को बुलाया जा रहा है, क्यों यह कपटपूर्ण काम किया जा रहा है”
बुरी तरह बिफरे सीएम बघेल ने कुछ समय पहले एक बेहद चर्चित उप चुनाव का ज़िक्र करते हुए कहा
“मैंने वहाँ के ज़िलाध्यक्ष को हटाने को कहा, चुनाव में उनकी भुमिका सही नहीं थी।उस ज़िले में राजीव भवन का काम भी रुचि लेकर नहीं हो रहा है”
सीएम बघेल ने उत्तर मैदानी छत्तीसगढ़ के बेहद प्रमुख शहर का ज़िक्र करते हुए कहा
“वहाँ के ग्रामीण अध्यक्ष का काम भी संतोषजनक नहीं है.. मैंने दोनों को हटाने के लिए कहा,दोनों को नहीं हटाए जबकि दो दो बार चर्चा हो चुकी”
मुख्यमंत्री बघेल ने यह सवाल भी किया कि, बूथ कमेटी की सूची विनोद वर्मा को दी जानी थी, जो अब तक नहीं दी गई है, आख़िर ये सब क्यों हो रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा
“ऐसी बैठक करनी है, इस तरह ही बैठक करनी है तो मुझे क्यों बुलाते हो, मत बुलाया करिए.. ऐसा ही हाल है तो मैं नहीं आउंगा”
चर्चाएँ हैं कि, प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण पद पर मौजूद एक पदाधिकारी ने समान पद पर विराजमान शख़्स की ओर इंगित करते हुए कार्यप्रणाली पर तीखी आपत्ति की और यह कहा
“आप लोग सब यहाँ बैठे हो, कार्यविभाजन कर दो.. यह कुछ भी आदेश निकालता है”